Book Title: Gita Darshan Part 04
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna
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* गीता दर्शन भाग-4%
अब मैं हटता हूं, तुम्हारी लीक से ही हटता हूं।
लीक से ही आप हट जाएं, तो शायद वह घटना घट सके, जिसकी कृष्ण अर्जुन से बात कर रहे हैं। और वह घटना न घटे, तो जीवन व्यर्थ है। और वह घटना न घटे, तो जीवन सार्थक नहीं है।
और वह घटना न घटे, तो हम जीए भी, मरे भी, उसका कोई भी मूल्य नहीं है।
आपके जीवन में यह मूल्य का फूल खिल सके, इस आशा से यह अध्याय पूरा करता हूं।
पांच मिनट आप बैठेंगे। कोई उठेगा नहीं। पांच मिनट कीर्तन में सम्मिलित होंगे, फिर हम विदा होंगे।
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