Book Title: Gita Darshan Part 04
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 2
________________ ष्ण ने यह गीता कही—इसलिए नहीं कि कह कर सत्य को कहा जा सकता है। कृष्ण से बेहतर कौन जानेगा कि सत्य को कहा नहीं जा सकता है। फिर भी कहा; करुणा से कहा। सभी बुद्धपुरुषों ने इसलिए नहीं बोला है कि बोल कर तुम्हें समझाया जा सकता है। बल्कि इसलिए होला है कि बोलकर ही तुम्हें प्रतिबिंब दिखाया जा सकता है। गतिबिंब ही सही-चांद की थोड़ी खबर तो ले आयेगा! शायद प्रतिबिंब से प्रेम पैदा हो जाए और तुम असली की तलाश करने लगो, असली की खोज करने लगो, असली की पूछताछ शुरू कर दो। -ओशो

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