Book Title: Girnar Geetganga
Author(s): Hemvallabhvijay
Publisher: Girnar Mahatirthvikas Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 327
________________ बाजुमांथी नीकळीने अडधो किलोमीटर चालीने ३० सहेला पगथीया चडीने सहसावन पहोंची शकाय छे. त्यांथी १३०० पगथीया चडीने थोडुं चाल्या पछी २८० पगथीया | उतरवाथी श्री नेमिनाथ परमात्मानी पहेली टूंकना मंदिरमां पहोंची शकाय छे. चारपांच यात्रिको साथै जवाथी आ रस्ते खतरानुं कोइ कारण रहेतुं नथी. ★ सौथी पहेला गिरनार महातीर्थनी जय तणेटीनुं चैत्यवंदन करवुं. पहाडना पांचमा पगथीया पर श्री नेमिनाथ परमात्मानी चरणपादुकानी देरीमां चैत्यवंदन करवुं. गिरनारनी पहेली ट्रंकनी तरफ ३८३९ पगथीया चडती वखते आ पवित्रभूमिनी आशातना न थाय तेम मनमां पवित्रता राखवा टेपरेकोर्डर, मोबाइल अने रस्तामां मस्ती-मजाक न करता परमात्मानुं नाम स्मरण करता तीर्थंकरनी कल्याणक भूमिनी स्पर्शना करवानी शुभ भावना साथे चडवुं. यात्रा दरम्यान नीचे द्रष्टि राखीने धीरे धीरे जयणापूर्वक जीवदयानुं पालन करवुं जोइए. यात्रा दरम्यान कोईनुं मन कलुषित न थाय अने मर्यादानुं पालन थाय एवा वस्त्रो पहेरीने यात्रा करवी. यात्रा दरम्यान कोइ साथे कषाय न थाय अने कठोर वाक्य न बोलाई जाय माटे मौनपूर्वक शांतिथी यात्रा करवानो आग्रह राखवो. पहेली टूंके पहोंचीने श्री नेमिनाथ परमात्माना दर्शन करी स्नान करीने तैयार थवुं. जो पक्षालने थोडो समय वार होय तो अंदरना त्रण मंदिर (१) मेरकवसी (२) सगरामसोनी अने (३) कुमारपाणना मंदिरना दर्शन-पूजन करशो. पछी मूळनायकनी पक्षाल पूजा करीने आजुबाजुनी देरीनी पूजा करशो. पछी मूणनायकनी पूजा करीने बहारना मंदिरमां दर्शन-पूजन करवा जशो. जो सामान लईने बहारना मंदिरनी पूजा करवा जाओ तो चौमुखजी मंदिर अने रहनेमिजी मंदिरनी पूजा करीने सीधा सहसावन कल्याणकभूमि तरफ जई शकाय छे. त्यां समवसरण मंदिरमां पूजा - चैत्यवंदन करीने दीक्षा - केवणज्ञान कल्याणकोनी प्राचीन भूमिनी पूजा स्पर्शना करीने चैत्यवंदन करीने तळेटी तरफ उतरवानुं शरु करी शकाय छे. सहसावनमां भातु आपवामां आवे छे. ३१८

Loading...

Page Navigation
1 ... 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334