Book Title: Gandharwad Kavyam Author(s): Sushilsuri Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram View full book textPage 8
________________ K) KO KO KO KO KO KO KO KO KO Ky समर्पण ... 卐K(DKK) (K) KK" " " KWD««»«»«»«»« ) KO « «y K." KA KAKUKUK " (K) K" देवाधिदेव-सर्वज्ञविभु-वर्तमानजिनशासनाधिपति विश्ववन्द्य - जगत्पूज्य १२१वन्ध - जगत्पूज्य श्रमण भगवान महावीर परमात्मा के मुख्य शिष्यरत्न-प्रथम गणधर-अनन्तलब्धिनिधान श्रुतकेवली-महान् आगमशास्त्रों के मूल श्रीद्वादशाङ्गी के प्रणेता परमपूज्य-प्रातःस्मरणीय श्रीइन्द्रभूति - गौतमस्वामी महाराजाधिराज को उनके २५०० वर्ष समापन की पुण्य - स्मृति में यह ___ " श्रीगणधरवादकाव्यम् " ग्रन्थरत्न सादर समर्पित करता हुआ मैं अत्यन्त आनन्दित होता हूँ। - विजय सुशीलसूरि KK) KK KO KO KO KO KO KO K卐 " ) KA KAKK"Page Navigation
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