Book Title: Gaharayankosa
Author(s): Jineshwarsuri, Amrutlal Bhojak, Nagin J Shah, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 110
________________ गाहारयणको सगा हासूची । समरम्मि जस्स खग्गो २३० समरम्मि जो समग्गे २१५ समरम्मि तुज्झ खग्गे २१० समरे धारागोचर १८५ समसुख- दुक्खं संवड्ढियाण ४१९ सयल जण नयण कडुयं ८१० सयलेण भुवणपरियडेण ५६० सरलाओ नवनवाओ ७६२ सरसं पिनलिणवत्तं ५०० सरसं मउयसहावं ५४८ सरसा निइसणसारा २८७ सरसा विहु कव्व कहा १९ सरसा वि हु सुसइ चिचय ३९३ सव्वंगनिव्वुइकरो ४३९ सवसम्म वि दड्ढे ६९८ सव्वायरेण रक्खह ७८० सव्वा चिच्चय पिर्याविरहे ४९२ सव्वो दिवसस वसो ५१८ ससिकचोलयढलिओ ५७० ससि-बाण- सूरवरिसे ८३६ ससिवयणाए जणो जं ४९६ सहइ दरदलियमालइ - ६२२ सहइ समूलाण समुण्णयाण ८० सह उच्छयं जणं दुल्लहं ७०० सहजगिराण सहसोविराण ४३२ सहयार मंजरि वज्जिऊण ७१७ सहस त्ति जं न दिट्टो २५७ सहि ! एरिस च्चिय गई ४२० सहि ! दूर्मिति कलंबाई ६५० सहि ! सुणसु मह पउत्ति ५०३ सा जयइ का विकीला - ६१२ सा तस्प्रमियंकस्स व ३२९ सा तुज्झ कए गयमय - ४०३ सा दियहं चिय पेच्छइ ४०५ सानु ( १ तु ) ह हियए तं मह ३३५ सामन्नसुंदरीणं २८१ Jain Education International सामाइ नयणसोते ३५७ सारं कला हिरामत्तणस्स ५५० सारिच्छयाइ गिण्हइ ४६० सालंकाराहि मणोहराहिं २६ सालूरी कसिणभुयंगमस्स २३३ साविक्खो दहवयणो १६८ साहीणामय - रयणे ३६ सित्थेण किं व रित्तं ७५६ सिद्धं तं मन्निज्जइ २३७ सियकरकिरणनिरंतर ६४ सिरिसीलसूरिसिरि-८३४ सिसिरत्तणावलेवं ७२० सिहि पिच्छकन्नऊरा २६६ सीयं गर्मति विरहानलेण ६७३ सुंदर ! तुमाओ अहियं ४८२ सुंद ( ? दे ) तुलिय: कंदप्प ! ३२१ सुकइवयणऽण्णवाभो २ सुपभोहराए सुहडो १६९ सुयणत्तणं न केण वि ९७ सुयणो तुसारसरिसो ९६ सुणो मुहा किलम्मइ ११५ सुरगिरिणो किं तुंगत्तणेण ७२७ सुवंत बिभीसणमेघघोर - ६४३ सुहओ ति जियइ विद्धो ३७० सुहडाण समरवज्जत - १८८ सुहडो न सो पयंगो २४० सुमेरुघडित वणिज्ज - ५२४ सुहिए सुहियाई रविम्मि १४५ सेसफणामणिदप्पण- ७ सेसेण सिरं दिन्नं ७८१ सो अत्थमयइ [ ? य ] सखी ५८६ सो केण विजनविज्जइ १६७ सो को वि गुणो गोवालियाण ५३ सो को वि समुप्पन्नो ७२६ सोक्खाइं तुमाहिंतो ३९४ सो जयठ जेण सुयणा ८१ For Private & Personal Use Only ९३ www.jainelibrary.org

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