Book Title: Gaharayankosa
Author(s): Jineshwarsuri, Amrutlal Bhojak, Nagin J Shah, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 121
________________ १०४ ४८ ५६ *५९ हिवई सुद्धिपत्तयं वर (१) वर! छप्पह 'छप्पह(य) 'संचिय संठिय गोरीपई गोरीपइ सुरओ सु(स)रओ 'समावहो "समोहवो ॥७१११॥ ॥ ७११॥ हिव ! पई उबिंबो(उव्विग्गो) उब्बिंबो विहु वि हु लग्गइ इह 'लग्गइ इह' वुडूढि °वुढि °णामे संभारियाइ हि° °णामे भरियाइ ताइ हि' बन्ध चिय बन्ध (ध) चि (चि) य १. 'याई १.°णामे संभारियाई भक्ति भक्त °धीउलिय °धीउल्लिय ससहर ससहर ! अणुयत्तइ अणुयत्तह इट्ठो इद्धो (? यो) (? य) जुय(ज्ज )इ दलम्मि जुप्पइ हलम्मि 'जट्ठोए 'जट्ठीऐ छित्ता छित्ता(न्ना) तुमं ॥६२॥ ॥६३॥ ॥६३॥ ।।६४॥ ॥६४॥ ॥६५॥ ॥६५॥ ॥६६॥ ॥६६॥ ॥६७॥ ॥६७॥ ॥६८॥ ॥६८॥ ॥६९॥ ॥६९॥ ॥७०॥ ॥७१॥ ॥७१॥ ॥७२॥ ॥७२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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