Book Title: Fulo ka Guccha
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

View full book text
Previous | Next

Page 110
________________ २८ हृदयकी परख-हिन्दीमें स्वतंत्र और भावपूर्ण उपन्यास। इसके लेखक आयुर्वेदाचार्य पं० चतुरसेन शास्त्री हैं । इस पुस्तकमें हमने एक नामी चित्रकारसे पाँच नवीन चित्र बनवाकर छपवाये हैं। जिससे पुस्तक और भी सुन्दर हो गई है । मूल्य चौदह आने । २९ नवनिधि-इस ग्रन्थको उर्दू के प्रसिद्ध गल्पलेखक श्रीयुत प्रेमचन्दजीने स्वयं अपनी कलमसे हिन्दीमें लिखा है। इसमें एकसे एक बढ़कर सुन्दर और भावपूर्ण नौ गल्में हैं। इनके जोड़की गल्में आपने शायद ही कभी पढ़ी होंगी । मूल्य चौदह आने । ३० नूरजहाँ-स्वर्गीय द्विजेन्द्रलालरायके प्रसिद्ध नाटकका अनुवाद । इसके विषयमें अधिक लिखनेकी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती । शाहजहाँ और नूरजहाँ उनके सर्वश्रेष्ठ नाटक गिने जाते हैं । मूल्य एक रु० । ३१ आयलैंण्डका इतिहास-प्रसिद्ध राष्ट्रीय ग्रन्थ । मूल्य १॥a) ३२ शिक्षा-डा. रवीन्द्रनाथ टागोरके शिक्षासम्बन्धी पाँच निबन्धोंका अनुवाद । मू० ॥४) ३३भीष्म-स्वर्गीय द्विजेन्द्रलालरायके पौराणिक नाटकका अनुवाद । मू०१). नोट-उपर्युक्त पुस्तकोंकी जो कीमत छपी है वह सादी जिल्दकी है। कपड़ेकी जिल्दवाली पुस्तकोंकी कीमत चार छह आने ज्यादे है । हमारी अन्यान्य पुस्तकें १ व्यापार-शिक्षा-व्यापारसम्बन्धी प्रारंभिक पुस्तक । मू० दस आने । २ युवाओंको उपदेश-विलियम कावेटके “ एडवाईस टू यंगमैन" के आधारसे लिखित । मूल्य बारह आने । ३ कनकरेखा-प्रसिद्ध गल्प लेखक श्रीयुत केशवचन्द्र गुप्त बी. ए. बी.. एल. की बंगला गल्पोंका अनुवाद । मू. बारह आने । ४शांति-वैभव-'मैजेस्टी आफ कामनेस'का अनुवाद । मूल्य पाँच आने। ५ लन्दनके पत्र-विलायतसे एक देशभक्त भारतवासीकी भेजी हुई. देशभक्तिपूर्ण चिट्ठियोंका संग्रह । मू. तीन आने । ६ अच्छी आदतें डालनेकी शिक्षा-मू. तीन आने ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 108 109 110 111 112