Book Title: Fulo ka Guccha
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 108
________________ हिन्दी - ग्रन्थ - रत्नाकर सीरीज । हमारे यहाँ से इस नामकी एक ग्रन्थमाला प्रकाशित होती है । हिन्दीसंसारमें यह अपने ढंगकी अद्वितीय है । अभी इसमें जितने ग्रन्थ निकले हैं। वे भाव, भाषा, छपाई, सौन्दर्य आदि सभी दृष्टियों से बेजोड़ हैं । प्रायः सभी साहित्य-सेवियोंने उनकी मुक्तकण्ठसे प्रशंसा की है । स्थायी ग्राहकों को सब ग्रन्थ पौनी कीमत में दिये जाते हैं । स्थायी ग्राहक होनेकी ' प्रवेश फी ' आठ आने हैं । अभी तक नीचे लिखे ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं : १-२ स्वाधीनता - जान स्टुअर्ट मिलके 'लिबर्टी' नामक ग्रन्थका अनु-वाद | अनुवादक पं० महावीरप्रसादजी द्विवेदी । इसके प्रारंभ में मूल लेखकका लगभग ६० पृष्ठका जीवनचरित भी लगा दिया है । मूल्य दो रु० । ३ प्रतिभा — प्रसिद्ध लेखक श्रीयुत अविनाशचन्द्रदास एम. ए., बी. एल. के 'कुमारी' नामक शिक्षाप्रद और भावपूर्ण उपन्यासका अनुवाद | मूल्य एक रु० 1: ४ फूलोंका गुच्छा - उच्च श्रेणीकी चुनी हुई ११ गल्पें । मू०॥ ) ५. आँख की किरकिरी — डाक्टर सर रवीन्द्रनाथ टागोर के चौखेर वालि' नामक प्रसिद्ध उपन्यासका अनुवाद | मूल्य डेढ़ रु० । C ६ चौबेका चिट्ठा - बंगसाहित्यसम्राट् स्वर्गीय बंकिम बाबूके ज्ञान-विज्ञान -- देशभक्तिपूर्ण हास्य ग्रन्थका अनुवाद | मूल्य बारह आने । ७ मितव्ययता - सेमुएल स्माइल्स साहबके 'थिरिफ्ट' नामक ग्रंथके आधार से लिखित | मूल्य पन्द्रह आने । ८ स्वदेश - डा० सर रवीन्द्रनाथ टागोर के चुने हुए स्वदेशसम्बन्धी निबंधोंका अनुवाद | मूल्य दश आने । ९ चरित्र - गठन और मनोबल । राल्फ वाल्डो ट्राईनके 'कैरेक्टर बिल्डिंग P थाट पावर का अनुवाद | मू० तीन आने । १० आत्मोद्धार - प्रसिद्ध हबशी विद्वान् बुकर टी० वाशिंगटनका आत्म-चरित | स्वावलम्बनकी अपूर्व शिक्षा देनेवाला ग्रन्थ । मूल्य सवा रु० । ११ शांतिकुटीर —-श्रीयुत अविनाश बाबूके 'पलाशवन ' नामक शिक्षा--- प्रद, और धार्मिक गार्हस्थ्य उपन्यासका अनुवाद | मूल्य चौदह आने ।

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