Book Title: Fulo ka Guccha
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 111
________________ ७ ब्याहीबहू-जो लड़कियाँ ससुराल जानेवाली हैं या जा चुकी हैं, उनके लिए बहुत ही उपयोगी । मू० तीन आने।। ८ पिताके उपदेश--एक सुशिक्षित पिताके अपने विद्यार्थी पुत्र के नाम भेजे हुए शिक्षाप्रद पत्रोंका संग्रह । मू० दो आने । ९ सन्तान-कल्पद्रुम--इसमें वीर, विद्वान् और सद्गुणी सन्तान उत्पन्न करनेके विषयमें वैज्ञानिक पद्धतिसे विचार किया गया है। मू. बारह आने । १० मणिभद्र-एक जैन कथानकके आधारपर लिखा हुआ सुन्दर भावपूर्ण उपन्यास । मू० दश आने । ११ कोलम्बस-नई दुनियाका पता लगानेवाले प्रसिद्ध उद्योगी और साहसी नाविकका जीवनचरित । मू० बारह आने । १२ ठोक पीटकर वैद्यराज--मौलियरके फ्रेंच नाटकका सुन्दर हिन्दी रूपान्तर । हँसते हँसते आप लोट-पोट हो जायेंगे। मू. पांच आने । १३ बूढेका ब्याह--खड़ी बोलीका सचित्र काव्य । मू० छह आने । १४ दियातले अँधेरा ( गल्प )-मू० डेढ आना। १५ भाग्यचक्र (गल्प)-मू० एक आना । १६ विद्यार्थीके जीवनका उद्देश्य-मू. एक आना । १७ सदाचारी बालक-एक शिक्षाप्रद कहानी । मू० दो आने । १८ बच्चोंके सुधारनेका उपाय-मू. आठ आने । १९ वीरोंकी कहानियाँ-मू० छह आने । २० गिरना उठना और अपने पैरों खड़े होना अथवा अस्तोदय और स्वावलम्बन-स्वावलम्बनकी शिक्षा देनेवाला एक उत्कृष्ट निबन्ध । मू. १०) २१ अंजना-पवनंजय (खड़ी बोलीका काव्य )-मू००) २२ योग-चिकित्सा-योगकी क्रियाओंसे तमाम रोगोंके अच्छे करनेके और निरोगी रहनेके उपाय । मू००) . मिलनेका पता:हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर-कार्यालय, हीराबाग, पो. गिरगांव-बम्बई । ।

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