Book Title: Epigraphia Indica Vol 32
Author(s): D C Sircar, B Ch Chhabra,
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 462
________________ दावपिमा शोशर रिम शुभा डोंगर नारनी नगासः विवाद गर्व ना डायः शिवः॥ अकलित कलकिलाये मितमदिमा लमारने प्रकृततिमिर निराश: पातु विससभी सेलबासः॥ रागनंनल पुरे नियमनाइट मविद तिसग इसिन्या वसमती मेन ॥ उत तानि देहायाद 3: पृथिवीपतिःप्रताप जलदगार इंशान मागाः॥४ 4 हाथी कृताशेषविप कूक मोवादि तसा सारा राजन मसल देव विविः दितीश: चूडामणिमिति तो रिटा नृशंस शनिवेदमांडमाप त बुतारा दोषम् श्रीगोपालो नृपाद सिद्धिए या मिमामतिया मुझे दो को षड़ दो दवा उगमागपति नृपतिसमानिक सामु निमादाय की मैच के कबीरनगरीदिदा भासिक नदिमा सोम सततो दिन निकासशीप कराया सवार संतम साल पर लोड मोद मनोहर: अदेवनादन त्रियोग क्लिप दान्त कर गोवाणीमा राससका नाम ईशान दिशानि दिएन्ना मवेद्यः श्रेया जिसने कलासु ददशममर्थिनःप्रा मजीवितार्थी विक, प्रदेता और तावीत. सकाल्दा सुनास सादव का शिक श्री डिश से की गति का विशतिःटिम स्टातिःस्फुटं नराश्री अरविद (१३टा विद डस ईमान कोडितारिषद्य निपदिकार्येषु भविवरिविका शिशुकृतवेदसुतच तो रा भागा खासा नपापातदेवता रामगामु ने पापा श्रीगोगदे नगर निविदामुनदेवमुत देव कारावेल वाले कटुं न पितो कारी॥ सितो गुंगीव वनाज्ञः श्रीगोगदेवः कृतीविना दिनाि शालिनी मिलोपनापनी कुटुंवगुरु दस ला ११८ या मुत्यादि वा सनतनमान्य शानिवार रात कलासु पल कोरिया प्रदनुस लायक शिवरा दसरा कोनि मोल गुण वारिवी सुधि ॥ निमिर दिन निरतः सत्य पूतांतरं गोवामी व दोविदातिषु गिजीवनदानः प्रमोदमानदाविनय विद्या मगलो. सगा द्वा: फुल्ली के जाति पनि जगत्का सिनिय ददेवः । गेटा सेन्सराच्या पापाविकद्यमः। देवा दिवंगत व भूमान कार ( २२ मा दुतिः शिशिरेरनाल ती सुकृतेडले श तिवापीस पीसी संघ खेः॥२३ मा सासु र चिउलेख सुकांतिके लारा मियति वेग मा सोच कर देता मुमानित तो शाय निदान।। २४२ महिरप विकम त्यस ने गौर पमा फलातिराम तापाप वाटा मिदें दिया एप सुखेन व के लिवनंत धानादिमोहितद्या व खंड टेबल मेरा लि गौ पादौ निधिक कलेवासगे माधुर तीचक और दवाएं निरूप किरनघः कोशावि पोली दाद मालकवितामादित्य मधुरावह मकान मान प्रतिको को 2 6 8 10 12 14 16 18 TWO INSCRIPTIONS OF THE TIME OF GANAPATI-PLATE II 2. Narwar Inscription of V.S. 1355 20 Scale : Two-Fifths 2 4 6 8 10 12 14 16 18 20

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