Book Title: English Sanskrit Dictionary
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Radhabai Atmaram Sagoon
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SEROUS, a. मेदस्विन, मेदुर.
whose s. are you'कस्य सेवया जीवति, केन नियSERPENT, . सर्पः, अजगः, भुजंग:-गमः, अहिः, पत्रगः,
कस्त्वं to keep in s.! सेवायां नियुज7A, 10, नागः, उराः ; See SNAKE. -INE, a. (8.) in (कर्मणि ) व्याध c. -ABLE, a. उपयुक्त, उपयोगिन, comp.;वि-सपिन्, वक्र, कुटिल; 's. course' भुजंग- उपकारिन्, सहायभूत, प्र-उप-योज्य. 2 कार्यक्षम, कर्मगतिः, वक्रा-कुटिला-गतिः.
कुशल, अलंकीण. - ABLY, adv. सोपयोग, सलाम, SERRATE,-ED, a. करपषनिभ, क्रकचतुल्य अनुक्रकच, । सोपकारं.-SERVILE, a. दासेय (यी.), दासोषित, क्रकचधार, दंतुर, सच्छेद.
दास-दास्य in comp.; 's. state' दासभावः, दास्य, SERRIED, . संहत, संश्लिष्ट.
प्रेष्यभावः, दास्यवृत्तिः.2 अतिचाटुपर, अत्यनुरोधिन्, SERUM, 8. मेदस् ।., वसा, वपा.
श्ववृत्ति, तिलालनपर. -ITY, 8. दास्य, दास्यभावः.2 SERVE, V. 1. सेव् 1A,श्रु desid. ( शुश्रूषते ), उपास
धरणावपातः, श्ववृत्तिः, अतिलालन, अत्यनुरोधः, ॐदोन1A, उप-स्था 1 A, उपचर 1 P, परि-अनु-घर ' he
वर्तनं.-LY, adv. दासवत्, अत्यनुरोधेन, अतिलालनपूर्व. who s. s not another's will' परेच्छानुरूपं न
-SERVITOR, 8. सेवकः, भृत्यः , &o.; See SERVANT. वर्तते, परच्छंदानुवर्ती न भवति, अन्यभावं न अनुप्रविशति.
-SERVITUDE; s. दास्यं, भृत्यभावः, किंकरत्व, सेवा, 2 भनुवृत् 1 A, अनुरुध् 4 A, अनुविधा 3 U; See
प्रेष्यभावः, श्ववृत्तिः, सेवाधर्मः, सेवकदशा. OBEY. 3 उपक 8 U, अनुग्रह 9 P, उपचर , साहाय्यं |
SESAME, SESAMUM, S. तिल:, सागल:, मुबंधः कृ श्रेयः सं-पद् .4(अर्थ) साधू c., प्रवृत् ., सं-पद् c.,
sowed with s.' तिल्य. निर्वृत् c.5 पर्याप्त-उचित-८. भू 1 P, अलं with dat. | SESSION, S. उपवेशन; ' sacrificials.' सत्रं; '. or inf., कृप् 1 A (with dat.); ' this will s. to ___judge' दंडाधिकरणिक. 2 (Timo) सत्रकाल:, कार्यrouse his anger' तस्य कोपमुद्दीपयितुं-कोपोद्दीपनाय- | निर्वाह काल:. अलं or पर्यातमिदं. 6 उप-परि-ऋप ., उप-स्था . SET, S. अस्तमयः, अस्तमन, अस्त:.2 जातं, जाति /., (स्थापयति ). 7 रथाने भूमौ-वृत् or भू or प्रयुज गणः, संघः, श्रेणी, पंक्ति f., समूहः, संयोगः; s.s pass.8 प्र-उप-युज7 A, 10, विनि-युज, निक्षिप् 6 P. of ornaments fitting all parts of the body'
वृत्, आचर, व्यव-ह 1 P, (with loc. of person); सर्वगिका आभरणसंयोगाः ( Mal. 6). 3 ( Of perSee Act, BEHAVE; ' s. the purpose of ','s. sons) वर्गः, गणः, संघः. - V. 1. आ-नि-धा 3 U, वि., as' उपयोगं व्रज् 1 P, स्थाने-भूमौ-भू; भर्जत्वचः व्रजं- न्यम् 4U, स्था c. (स्थापयति), निविश् ., अवरुह . ति विद्याधरसुंदरीणामनंगले खक्रिययोपयोगं (K. I.7)। oft. by कृ8 U, दा 3 U, . ( अर्पयति );
s. as love-letters'&e.; 's up meals' परि- | (in the ground) रुह ., निखन् 1 P.2 प्र-परिविष्ट., अन्नं उप-स्था c.; 'the gods 3. ed up food' कृप ., व्यव-स्था 6.3 प्रणि-धा, प्रतिबंध 9 P, ( यदि मरुतः परिवेष्टारः आसन्; 's. out' प्रतिकृ, वैरं &c. मणिपणि प्रतिबध्यते P. I. 1), उत-खच् 10 (खनियंत 10. -v.i. सेवां-कार्य-कृ; नियोगमनुष्ठा 1P; चयति), अनु-व्यध् 4 P; 's. with jewels' रत्नानुकार्य संपद; this will s. as water to wash विद्ध.4 नि-शो 4 P, उत्-,तिज़ ., तीक्ष्णीकृ. 5 युज his feet with ' इदं पादोदकं भविष्यति (S. 1 ), 7 U, 10, सं-आ-, समा-धा, संविधा (limb &c.); - ANT, S. भृत्यः, सेवकः, किंकरः, अनु-उप-जीवी, दा- 3. one's foot in' पदं कृ ( lit. and fig.), क. सः, चेटः, प्रेष्यः, अनु-परि-चरः, परिजनः, परिचारकः, रिष्यसि पदं पुनराश्रमेस्मिन् (S. 4), कृत मे वपुषि नियोज्युः, भुजिष्यः, शुश्रूषकः, उपासकः, सेवाजीवी वै- नवयौवनेन पदं ( Ka. 137); 's. a trap' पाशं तनिकः, भृतिभुक, भरण्यभुक, भृतकः; कर्मक (का)रः, दुश's. in motion ' चल् ., संचर ०., ईर् c.; ( labourer); 'females.', 's.-maid' चेटी, is the heart on'मन:-धिय-चित्तं, &c. ('Mind , दासी, भुजिष्या, प्रेष्या, कर्मकरी, सैर(रि)घी. -SER- q.v.) बंधू or आधा or सनि-विश्. or युज, VICE, S. सेवा, शुभ्रषा, उपचारः, उप-परि-चर्या, उपासनं- आसन-a. भू 1 P (with loc.);'s. your heart माः आ-सं-श्रयः; s. of kings' नृपसंश्रयः, राजाश्रयः. on religious duties ' आधीयतां धर्मे धी:- (Ka. 2(State ) दास्य, दासवृत्ति , प्रेष्य-भृत्य-भावः, 63); 8. not your heart on transient objects' सेवा; ' he lives in my s.' स मामनुजीवनि, मदा- विनाशधर्मसु विषयेषु मनो मा संनिवेशय, विनाशिविषश्रितः.3 अनुवर्तनं, अनुवृतिः, आराधन; See OBE- यासको मा भूः, ' s the teeth on odge' देतहर्षे DIENCE.4वृत्तिः, नियोगः, कार्य, व्यवसायः; व्यापारः, जन् 0.3 s. right', 's. in order' समीक, कर्मन् 1., व्यवहारः.5 उपकारः, साहाय्यं, उपकतं-ति व्यव-स्था ., विन्यस, विरच् 10%;"s. to rights' प्र. f., अनुग्रहः, हितं, अर्थ:.6 उपयोगः, व्यवहार:.7 ति-समा-धा, सुस्थीका प्रतियज, (प्रतियोजयितव्यवाहक सपर्या, उपासना, पूजा, उपचारः, पूजोपचारः.8 भोजन- R. VIII. 41 );'s free'मुच् BP or c. See पात्रगणः; I am entirely at your s.' सर्वथा FREEs.at nanght' तृणाय-तृणवत्-मन् 4 A, त्वदधीनोई, भवता यथेच्छ नियुज्यतामयं दास: 'in] तृणीकex. also by का मावा-गणना to
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