Book Title: Digambaratva Aur Digambar Muni
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Sarvoday Tirth

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Page 194
________________ १३९, ८३ सदागोपाचार्य १६३ | साल स्थविर सावित्री १२३ स्थूलभद्र १०३ स्वामी महेश्वर १४० सनत्कुमार १५९ साहसतुग १४० सन्यस्त सिकन्दर निज़ाम लोदी सन्यासोपनिषद् १५२ २४, २५, २८ सिकन्दर महान् ३०,७१,७३, समतट ८८ १४५, १६७ समिति सिद्धवतम् कैफियत १२२ समन्तभद्र १७१ सिद्धराज सम्प्रति ७३, १४६ सिद्धसागर सम्वन्दर अप्पर सिद्धसेनदिवाकर सम्मेद शिखर १६९ सिद्धार्थ सरमद शहीद ३५, ३६ सिधुराज सल्लेखना ७४,७७,११०, १४७ | स्थिडो कल्लिस्थेनेस स्वर्ग लोक स्विटजरलैण्ड १६६ सहस्त्रकीर्ति सिंहनन्दि संकाश्य सिंहल १०४ संघ १६१ सिंहल नरेश संयमी सिंहपुर सुंक्त निकाय ६५, १२४ सिंह सेनापति २५, २८ सुग्रीव संसार १५,१६, १७, १८, १९, २१ सुंग ७६.८० साकल सुणक्खत ६७ सांगली सुधर्म ६६, ७७ सांख्य सुनन्द सांची सुन्दरदास कवि १५६ सातगोड़ापाटील १६० सुन्दर सरि स्थानेश्वर ८७ साधु सुप्पत्तित्थिय सामायिक ४२ सुपार्श्व सामंतकीर्ति सुलेमान ३१, १७, १४८ सायणाचार्य ४९ | सुहृद्ध्वज ८५,९० (191) Pla ६८ संवर्तक ७८ २४ ८०, ८१ सुन्दी ६०

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