Book Title: Digambaratva Aur Digambar Muni
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Sarvoday Tirth

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Page 192
________________ १३५ १४० ८५ १३५ ९३, ११२, १३६, १५२ २०, ३०, ५८ १४० ३२, ४७, ५८ वायुपुराण विपलकीर्ति वायुभूति विमलचन्द्र कारानगर ८९,९४,९७ विमलनाथ वारानगर के आचार्य विमलसेन वारिषेण ६२ विलगी वारुणी विल्किन्सन बाल्हीक १४५ विवसन वासुदेव विशाख वासुदेव आपटे विशालकीर्ति विक्टोरिया विश्वसेन विक्रमादित्य ७६,१०९ विष्णु विक्रमसिंह कछवाहा विष्णु भट्ट विजयकीर्ति विष्णु पुराण बिजयचन्द्र वीरनन्दि विजयदेव वीर पाण्ड्य विजयनगर १०४, ११२ बीरसागर विजयपुर वीरसेन विजयसूरि वीरुपक्षराय विजयसागर वुटुगगंग विजयसेन वृकार्थप विजयादित्य वृन्दावन कवि विजयादेवी वृषभाचार्य विष्टिदेव व विष्णुवर्द्धन १११, १३८ वृदय मौर्य विद्यानन्दि ११२, ११७, १४३, १५० वेगिराज विधुच्चर ६२,७१ वेद विदेह वेणुराजा विन्दुसार वेपुर विंध्य वर्मा विनय चन्द्र वैराग्यसेन विनयादित्य होयसाल १४० विनयसागर १३६, १५८ | वैशाली विपुलाचल ७०,८८ | शक १४३ १६१ १०७, ११७, १३१, १४३ ११२ १४५ १७२ १२२ १०९ २४, २९, ३२, ५५, ५८ वैरदेव १०२, १४३ ८५. १२८ १०१ वैराट १५४ ६१,६२, ६७,६८ ७८ (189)

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