Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 12 Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 1
________________ GREJAGLIBRAR BIRORE STATE Digamber Jain-Surat.Data.. 19 Regd. No. B-744.7 बीर सं०२४४९ आश्विन। पृष्ठ S ESSES संपादक वर्ष १६ वां अंक १२वां विक्रम १९७९. मूलचंद किसनदास कापड़िया-सूरत। । ई.सन् १९२३ विषयानुक्रमणिका। विषय १-२. सम्पादकीय वक्तव्य, रतलाम बोर्डिंगका उत्सव.... १-६ ३. जैन समाचार संग्रह ......... ४. धूम्रपान निषेध (आर. टी. लाल जैन फुलेरा) .... ९ ५. क्रोधका प्रताप (पं० चांदमल काला विशारद).... १४ ६. श्रीकेशरियाजी तीर्थ- मागाही (नवनीतलाल जरीवाला) १५ ७. प्रातःकर्म विचार (मोहनलाल मथुरदास काणीसा).... १८ ८-९. गज़ल, विना अंगके अंगी कैसे? (सुमतिचंद्र जैन) २३ १०. लाखकी उत्पतिमें घोर हिंसा (पं० सोनपाल उपदेशक) २४ ११. बाल परिचर्या और औषधिसेवनसे हानिया .... १२. दो मित्रोंका वार्तालाप (पं० गोरेलाल पंचरत्न).... २८ १३. प्रवृत्ति ( मास्तर सी. जी. गांधी) ......... १४. दशलाक्षणी पर्वके समाचार ....... मुख पृष्ठ RECOM७% k+ OGS. 21515152525252525252525252525SESEO - -- २१ RSESSESSESSES जममम ममममममममममन पेशगी वार्षिक मूल्य रु० १-१२-० पोस्टेज सहित ।Page Navigation
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