Book Title: Dhammapada 10 Author(s): Osho Rajnish Publisher: Rebel Publishing House Puna View full book textPage 8
________________ जि स के मन में आज भी बुद्ध के प्रति अपार श्रद्धा है, उसके लिए बुद्ध आज उतने ही प्रत्यक्ष हैं जैसे तब थे। कोई फर्क नहीं पड़ा है। श्रद्धा की आंख हो तो समय और स्थान की सारी दूरियां गिर जाती हैं। आज हमसे बुद्ध की दूरी पच्चीस सौ साल की हो गयी, यह समय की दूरी है। लेकिन प्रेम के लिए और ध्यान के लिए न कोई स्थान की दूरी है, न कोई समय की दूरी है। ध्यान और प्रेम की दशा में समय और स्थान दोनों तिरोहित हो जाते हैं। तब हम जीते हैं शाश्वत में, तब हम जीते हैं अनंत में। तब हम जीते हैं उसमें, जो कभी नहीं बदलता; जो सदा है, सदा था, सदा रहेगा। एस धम्मो सनंतनो। उसको जान लेना ही शाश्वत सनातन धर्म को जान लेना है। ओशो एस धम्मो सनंतनो भाग 10Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 362