Book Title: Devsen Acharya ki Krutiyo ka Samikshatmak Adhyayan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 439
________________ भिल्लक संघ उत्पन्न हुआ, जो वीरचन्द्र मुनि के द्वारा संचालित हुआ। इसने अपना एक भिन्न गच्छ बनाकर भिन्न प्रतिक्रमण विधि बनायी। इसकी उत्पत्ति वि. सं. 1800 अर्थात् 1743 ई. में हुई। ये चारों संघ निर्ग्रन्थ संघ से निकले। इसके अतिरिक्त श्वेताम्बर संघ में दिगम्बर संघ तथा श्वेताम्बर संघ दोनों की मान्यता का अवधारक यापनीय संघ हुआ। इस प्रकार दिगम्बर मत के सिद्धान्त को मानने के कारण यापनीय संघ को कथञ्चित् दिगम्बर संघ का भेद भी कह सकते हैं। 433 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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