Book Title: Devgadh ki Jain Kala
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 303
________________ जिल्द एक और तीन प्रका. मैनेजर आफ पब्लिकेशंस, गवर्नमेण्ट आफ इण्डिया, दिल्ली, 1937 ई. 167. (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार : जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश, प्रका. वीर शासन संघ, कलकत्ता 1956 ई. 168. (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार : देवगढ़ पर सम्पादकीय टिप्पणी : अनेकान्त, वर्ष एक, किरण दो । 169 (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार : युगवीर निबन्धावली, प्रथम भाग, दिल्ली, 1963 ई. । 170. (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार : समीचीन धर्मशास्त्र, प्रका. वीरसेवा मन्दिर, दरियागंज, दिल्ली, 1955 ई. । 171. (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार : स्वामी समन्तभद्र, प्रका. जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, बम्बई, 1925 ई. । 172. जे. एफ. फ्लीट : कार्स इंस्क्रिपशनम इण्डीकेरम, जिल्द तीन, कलकत्ता, 1888 ई.। 173. (डॉ.) ज्योतिप्रसाद जैन : जैन साहित्य में मथुरा, अनेकान्त, व. 15, कि. दो । 174. (डॉ.) ज्योतिप्रसाद जैन : दिल्ली पट्ट के मूलसंघी भट्टारकों का समय क्रम : अनेकान्त, व. 17, कि. दो । 175. (डॉ.) ज्योतिप्रसाद जैन : देवगढ़ और उसका कला वैभव : जैन सिद्धान्त भास्कर, भा. 22 कि. एक । 176. (डॉ.) ज्योतिप्रसाद जैन : प्राचीन भारत का वैभव देवगढ़ : वीर, मई 1956 ई. । 177. (डॉ.) ज्योतिप्रसाद जैन : भारतीय इतिहास : एक दृष्टि, प्रका. भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1961 ई. । 178. टी. ए. गोपीनाथ राव : एलीमेण्ट्स आफ हिन्दू आइकानोग्राफी, जिल्द एक, प्रका. दी ला प्रिण्टिंग हाउस, माउण्ट रोड, मद्रास, 1914 ई. । 179. डी. सी. दासगुप्ता जैन सिस्टम आफ एजुकेशन, कलकत्ता, 1942 ई. । 180. (प्रो.) दलसुखभाई मालवणिया : जैन दार्शनिक साहित्य का सिंहावलोकन, प्रका. जैन कलचरल रिसर्च सोसायटी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, बनारस, 1949 ई. । 181. दिगम्बरदास जैन : स्वस्तिक के चमत्कार : जैनमित्र, फाल्गुन सुदी 15, वी. नि. संवत् 2494 182. देवगढ़ चित्रावलि प्रका मन्त्री श्री देवगढ़ मैनेजिंग दिगम्बर जैन कमेटी, ललितपुर ( प्रकाशन वर्ष नहीं दिया ) । Jain Education International सहायक ग्रन्थ सूची :: 301 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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