Book Title: Devgadh ki Jain Kala
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 313
________________ 77. तीर्थंकर तथा पाठशाला दृश्य : मन्दिर संख्या 1 | 78. पाठशाला दृश्य : मन्दिर संख्या 1 | 79. पाठशाला दृश्य : मन्दिर संख्या 4 | 80. आचार्य, जिनके पीछे एक ओर श्राविका छत्र लिये खड़ी है तथा दूसरी ओर अंजलिबद्ध भक्त ( झोली लटकाये हुए) अंकित हैं । पाठशाला दृश्य : मन्दिर संख्या 11 81. पाठशाला दृश्य : द्वितीय कोट का प्रवेश-द्वार । : 82. पाठशाला दृश्य तथा तीर्थंकर मन्दिर संख्या 12 के सामने पड़ा हुआ, किसी द्वार का सिरदल । 83. उपाध्याय (दिगम्बर जैन चैत्यालय ) । 84. उपाध्याय (जैन धर्मशाला ) । 85. उपाध्याय : मन्दिर संख्या एक के निकट ध्वस्त अधिष्ठान पर । 86. बाहुबली (जैन धर्मशाला) । 87. बाहुबली ( मन्दिर संख्या 11 ) । 88. बाहुबली ( मन्दिर संख्या 2 ) | 89. भरत चक्रवर्ती : जैन धर्मशाला । 90. मुनिविहार, उपदेश एवं प्रेमालिंगित युग्म : मन्दिर संख्या 12 के सामने पड़े हुए ध्वंसावशेष | 91. लेटे हुए मुनि: कोई महिला जिसका संवाहन कर रही है : मन्दिर संख्या 18 | 92. साधु और आर्यिका : मन्दिर संख्या 10। 98. तीर्थंकर की माता मन्दिर संख्या 41 94. उदासीन श्रावक : मन्दिर संख्या 10 | 95. सरस्वती : मन्दिर संख्या 19 । 96. सरस्वती - मन्दिर संख्या 19 | 97. मानसी देवी मन्दिर संख्या 19 । 98. गोमुखयक्ष : मन्दिर संख्या 12 | 99. चक्रेश्वरी : विंशतिभुजी ( जैन धर्मशाला) | 100. चक्रेश्वरी : विंशतिभुजी (जैन धर्मशाला) । 101. सुलोचना यक्षी ( मन्दिर संख्या 12 ) । 102. सुमालिनी यक्षी ( मन्दिर संख्या 12 ) । 103. अम्बिका : बड़ा पेट ( जैन चहारदीवारी) । 104. अम्बिका । 105. अम्बिका मन्दिर संख्या 12 । Jain Education International For Private & Personal Use Only चित्रावलि - परिचय : 311 www.jainelibrary.org

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