Book Title: Daulat Bhajan Saurabh Author(s): Tarachandra Jain Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan View full book textPage 203
________________ तूने नरक जिगोद पर्याय बी को केन्द्र श्रेणी: सह.. की, दिनों को तू भूल गया है अब उनका स्मरण नहीं करता, दौलतराम कहते हैं कि जो बीत गई जो बीत गई, हे मनुष्य । अब तू अपने दर्शन और चारित्र की सम्यक् संभाल कर । दौलत भजन सौरभ १८१Page Navigation
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