Book Title: Daulat Bhajan Saurabh
Author(s): Tarachandra Jain
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 205
________________ ! : अ आ उ * ऐ औ क ग घ च भजन ९. अब मोहि जान परी २. ३. अरि रज रहस हनन प्रभु अर्हन ४. अरे जिया जग धोगे की टाटी ५. अहो नेमि जिनप ६. सात गिरिराज विज्ञाय, धन भाग याग ७. आज मैं परम पदारथ पायो परिशिष्ट भजन अनुक्रमणिका अपनी सुधि भूलि आप, आप दुःख उपायो ८. आतम रूप अनुपम अद्भुत ९. आप भ्रम विनाश आप आप जान पायो १०. आपा नहीं जाना तूने कैसा ज्ञानधारी रे ११. उरग सुरंग - नर ईश शीश १२. ऐसा मोही क्यों नहिं अधोगति जावे १३. ऐसा योगी क्यों न अभय पद पावे १४. और सबै जगद्वंद मिटावो ९५. और सबै न कुदेव सुहाने १६. कबधौं मिले मोहि १७. कुंथन के प्रतिपाल १८. कुमति कुनारि, नहिं हैं भली रे १९. गुरु कहत इमि सीख बार- बार २०. घडि घडि पल-पल छिन छिन - दौलत भजन सौरभ - २१. चन्द्रानन जिन चन्द्रनाथ के २२. चलि सरिख देखन नाभिराय घर २३. चित चिंतके चिदेश कब २४. चिद्राय गुन सुनो २५. चिन्मूरति दुगधारी की २६. चेतन अब धरि सहज समाधि क्रम पृष्ठ संख्या संख्या ३९ १०३ २ ११० ६० ८७ . ७४ ७६ १०५ १२९ १३ ११० ११३ ९५७ २५ ३५ ५५ ५७ ४० ४१ ३५ २४ ५४ १५४ ५ ४२ ५९ ११६ ४३ ११७ ५६ ५३ ८२ ८१ ७५ ८० १६३ ८९ ४८ ३४ ५९ ८७ १७२ ६१ १७३ ८० ७५ १२२ १२० १११ ११८ १८३

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