Book Title: Dashvaikalik Tatha Uttaradhyayan
Author(s): Harshchandra Maharaj
Publisher: Atmaram Mohanlal Sheth

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Page 249
________________ १८४] [श्रीउत्तराध्ययनसूत्र . साहियं सागरं पकं उक्कोसेण ठिई भवे । भोमेजा जहन्ने, दसवा ससहस्सिया ।। २१८।। (पलिओवम दो ऊणा उक्कोसेण वियाहिया। असुरिन्दवजताण जहन्ना दससहस्सगा ।।) ...... पलिओवममेगं तु, उक्कोसेण टिई भवे । । ..... वन्तराणं जहन्ने, दसवाससहस्सिया ।।,२१६ ।।.. पलिओवममेगं तु, वासलक्खेण साहियं । .... पलिओवमट्ठभागो, जोइसेसु जहन्निया ।। २२० । दो चेव सागराइं, उक्कोसेण वियाहिया। । सोहम्मम्मि जहन्नेणं, एगं च पलिअोवमं ॥ २२१ ॥ सागरा साहिया दुन्नि, उक्कोसेण वियाहिया। ईसाणम्मि जहन्ने, साहियं पलिअोवमं ।। २२२ ।। सागराणि य सत्तव, उक्कोसेग. टिई भवे ।.... सकुमारे जहन्ने, दुन्नि उ सागरोवभा ॥२२३ ।। साहिया सागरा सत्त, उकोसेरा ठिई भवे । माहिन्दम्मि जहन्ने, साहिया दुन्नि सागरा ॥ २२४ ।। दस चेव सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । .. ... ... ... बम्भलोए जहन्न सत्त ऊ सागरोवमा ॥ २२५ ।।:च उदससागराइं, उक्कोसेस टिई भत्रे। ......... लन्तगम्मि जहन्नसां, दस उ सागरोवमा.॥ २२६॥ सत्तरलसागराई, उक्कोसेण ठिई भावे। महासुके जहन, चोद्दस सागरोवमा ।। २२७ ॥ : अट्ठारस सागराई, उक्कोलेरण-ठिई भवे । ...... सहस्सारम्मि जहन्ने सत्तस्स सामसेवमा ॥ २२८ ॥ सागरा अउणवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । . प्राणयम्मि जहनणं, अट्ठारस सागरोवमा ॥ २२९ ॥ .

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