Book Title: Dashvaikalik Swadhyaya
Author(s): Vruddhivijay
Publisher: Vruddhivijay

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Page 11
________________ * स्थना बाळरे, करो कोरीयानी संजाळरे // यंत्र मंत्र औषधना नामारे, मत करजो वली वस का|| मारे // // 10 // क्रोधे प्रोति पूरवली जायरे, वलो माने विनय पलायरे // माया मित्राश् बगडेरे, | 3 सवि गुणने लोन ते उमेरे // 11 // ते माटे कषाय ए चार रे, अनुक्रमे दमजो अणगार रे // - ||5| पशमशुं केवळ नावे रे, सरलाइ संतोष सनावे रे // 12 // ब्रह्मचारीने जाणजो नारी रे, जैसी पोप- | टने मांजारी रे // तेणे परिहरो तस परसंग रे, जब वाम धरो वळी चंग रे // 13 // रसलोलुप थ मत पोषोरे, निजकाया तप करी शोषो रे // जाणी अथीर पुद्गलनो पिमरे, व्रत पालजो पंच अखंगरे // 14 // कयं दसवैकालिके एम रे, अध्ययने आठमे तेम रे // गुरु लाजविजययो जाण्यो रे, बुध वृद्धिविजय मन बाण्यो रे, // 15 // 7 // | शेजे जश्ए लालन, शेव्रुजे जइए // ए देशी // विनय करेजो चेला, विनय करेजो // श्री | गुरु वाणा शीश धरेजो // चेला० // शी० // ए आंकणी // क्रोधी मानी ने परमादी, विनय न | शिखे वळी विषवाद॥ चेला // 30 // 1 // विनय रहित आशातना करतां, बहु नव जटके CAGACASSES Dildunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhill

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