Book Title: Dash Lakshan Dharm athwa Dash Dharm Dipak
Author(s): Deepchand Varni
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 123
________________ [११९ . . . .. .. ....... ..AM A nn व्रतोद्यापन । - शौच सुदर्शन शेठ महाजन। . परम सुशील व्रत ते धन धन ।। शौचधर्म पाले जन शुद्धा । शौच विश्वहित चिंतन बुद्धा ॥ ३ ॥ शौच सुपरधन मन नहि सूरा। शौच धर्म गणधरनिसुपूरा ॥ शौचत्रक्र वचनावलि नाशक । शौच शुद्ध वचन प्रकाशक ।। ४ ।। शौच आदि जिन आदि प्रकाशी। शौच सुसन्मति अन्तिम भाशी ।। शोचकायगुणरक्षक धीरा । ___ शौच मुसंयम द्वादश वीरा ॥५॥ शौच परम व्यवहार लहिज्जइ । शौचापरकृत जिनपूजिज्जइ । शौच विमनवृत ततपरकाया। शौच रक्षण कृत मुनिराया ॥६॥ घत्ता। जलशौच सुकृतगृह धरनिपुनातु श्रीजिनपूजपरा ॥ श्रीअभयनंदी गुरुचरण सुसेवक । सुमतिसागर जिनकथितपरा ।। ॐ ह्रीं शौच धर्मागाय महाघ निर्वपामीति स्वाहा ।।

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