Book Title: Dash Lakshan Dharm athwa Dash Dharm Dipak
Author(s): Deepchand Varni
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 122
________________ ११८] ... श्रीदशलक्षणधर्म। पंचाचारविचारझं श्रीमुनि शौचधारकं । समित्यादिवतस्नानधारकं तं यजे मुदा ॥ ८ ॥ ॐ हीं व्रतमित्यादि शौचांगाय जलादिकं० ॥ ८ ॥ ___ व्यवहारशौचसंघारं जिनपूजाकरं परं । स्वर्गादिगतिदं सारं तं महाम्यघघातकं ॥ ९ ॥ ॐ हीं जिनपूजोपदेश शौचांगाय जलादिकं० ॥९॥ परब्रह्मजपारंगं जिनशासनपोपकं । इहाशौचधरं देवं संयजामि जलादिकः ॥ १० ॥ ॐ हीं परब्रह्मजपादि शौचांगाय जलादिकं० ॥ १० ॥ चर्मास्थिमांसचांडालमृतस्पर्शात्सुनिर्मलः । विष्टास्पर्शान्जलस्नानमाचरेन्महामुनिः॥ ॐ हीं शौच धर्मागाय महाघ । अथ जयमाला। घत्ता। शौचधर्म परमार्थवेत्ता। श्रीजिननेत्ता धर्मधुरा ॥ जिनशासन परमारथ धर्ता। कर्ता मुक्तिवधू मधुरा ॥१॥ शौच परमजन मुनिवर पामी। शौच सुबाहुबली भव स्वामी ॥ . शौच जिनेन्द्र वचन परिपूजित । शौच सुदर्शनजल अध धूजित ॥ २॥ ..

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