Book Title: Dash Lakshan Dharm athwa Dash Dharm Dipak
Author(s): Deepchand Varni
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
View full book text
________________
१२२] श्रीदशलक्षण धर्म । संयम गुणकष्ट विपाक सहन ।
___ संयम गुण वह्नि सुकर्म दहन ॥ २ ॥ संयमगुण ध्यान धरति धीर।
संयमगुण समताभाव वीर ॥ संयमगुण शुद्धचारित्र धार ।
संयमगण जीव स्वरूप पार ॥३॥ संयमगुण सीतानारि पार।
संयमगुण जीव न दोपसार ॥ संयमगुण अनन्तमती विचार ॥
संयमगुण सामायिक सुसार ॥ ४ ॥ संयमगुण कोमल रति न संति ।
__संयमगुण दश दोष हरति ॥ संयमगुण नयगुण ते धरति ।
संयमगुण मणवचकाय करति ॥५॥ सँयमगुण न हरति पापबुद्धि ।
संयमगुण मौन धरति शुद्ध ॥ संयमगुण शुद्धसुध्यानपूर। संयमगुण परहितकरण पूर ॥६॥
घत्ता। संयम पालंता, मुनि जयवंता, संता सुरनर पूज करे । श्रीअभयनंदी, गुरुसंयम पारग, सुमतिसागर जिनधर्म धरे ॥७॥
ॐ ह्रीं उत्तम संयम धर्मागाय महा ।

Page Navigation
1 ... 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139