Book Title: Damyanti Katha Champu
Author(s): Vinaysagar
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ प्रियंवदिका = ( दमयन्तीचेटी) । प्रियङ्गुमञ्जरी= (भीमपत्नी दमयन्तीमाता) । मज्जनकामिन्य= (भीमस्य राज्ञः सेविका:) मालती = (दमयन्तीचेटी) । रूपवती= (वीरसेनभूपस्त्री नलमाता) । लवङ्गिका= ( नलसरोरक्षिका) । लवङ्गी = (दमयन्तीचेटी) । विहङ्गुवागुरिका = ( दमयन्तीकिंनरी) । सारसिका= (नलवनपालिका) । सुन्दरी = (दमयन्तीचेटी) । सूपकाराङ्गना= (भीमस्य राज्ञः सेविका: ) । हंसी = (दमयन्तीचेटी) । हंसी = ( नलदूतस्य हंसस्य पत्नी) । स्त्रीपुरुषोभयम् किंनरमिथुनम् = (दमयन्त्या नलस्य भीमस्य च राज्ञ: सेवकम्) । Jain Education International X For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 776