Book Title: Chikitsa Chandrodaya Part 05
Author(s): Haridas
Publisher: Haridas

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Page 716
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १५ ) कपड़े खराब न होंगे। आज तक ऐसी चीज़ कहीं नहीं निकली। अगर आपके दाद हों, तो इस अर्कको मँगाइये और लगाकर दादोंसे निजात पाइये । दाम १ शीशीका ॥) आना। स्तम्भन बटी। यथा नाम तथा गुण है। सन्ध्या-समय १ या २ गोली खाकर ऊपरसे दूध-मिश्री पी लीजिये । फिर देखिये कितना आनन्द आता है। इसकी अधिक तारीफ़ यहाँ लिख नहीं सकते। अगर आप कामिनीके प्यारे बनना चाहते हैं, तो १ शीशी पास रखिये और आनन्द लूटिये । दाम १ शीशीका ॥) लिंग स्थूलकारक बटी। अगर फोतोंकी सूजन, नसोंकी कमजोरी या धातुकी कमीसे लिंगेन्द्रिय दुबली हो-ठीक मोटी न हो, तो इस गोलीके १ मास या २ मास लगाते रहनेसे लिंगेन्द्रिय अवश्य मोटी हो जाती है। अनेक आदमियोंको लाभ हुआ है । दाम १ शीशीका २) अर्क खूनसफा । इस अर्ककी जितनी तारीफ करें थोड़ी समझिये । आज १८ वर्षसे हम इस अर्ककी परीक्षा कर रहे हैं। इस अर्कके सेवनसे १०० में १०० रोगियोंको फायदा हुआ है। अधिक क्या कहें, जिनके शरीरमें खून खराब होने या पारेके दोषसे चलनीके-से छेद हो गये थे, जिनके शरीरमें अनगिनती काले-काले दाग़ और चकत्ते हो गये थे, जिनके पास बैठनेसे लोग नाक-भौं सकोड़ते थे, जिनको कितनी ही शीशियाँ सालसेकी पिलाकर डाक्टरोंने असाध्य कहकर त्याग दिया था, इस सालसे अर्थात् “अर्क खूनसफा" के लगातार नियम-पूर्वक पीनेसे वही रोगी बिल्कुल चंगे हो गये। अधिक प्रशंसा करनेसे लोग बनावटी समझेगे, मगर इस अमृतसमान अर्कके पूरे गुण लिखे विना भी रह नहीं सकते। इसके पीनेसे For Private and Personal Use Only

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