Book Title: Chaturvinshati Jinstavan
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay
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शुद्धिपत्र.
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बिरुद गिणंदा नत
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Omwwmaa aaam
बिरद गणंदा तन ज्ञानराज माडीये उतारो तेतो जानत अरे अस्थ उसय वस्त मुखगी चूर्ण
राज ज्ञान मांमीये उतार ततो जानन अर
अर्थ
Banmom. arremmanumaam
(Mmmm
उन्जय वस्तु दुःखजंगी चूर्णि धुनि अज्ञानारे
.
धनि
खय
अग्यानारे स्वय माख आग्या
खमा माझा मन ज्ञान कदिएक रेणुमेरे ज्ञात जग
ग्यान कदियक रेणुमेरे ग्यात लग
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