Book Title: Chaturvinshati Jinstavan
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay
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________________ शुद्धिपत्र. 135 135 135 १३ए 155 144 150 151 152 154 156 157 एयले काढो वीरजय कहो त्रलुवन जानो आयां परवा नूत 157 witten in it = e msti s ki nae camsanMEMGEEMAMuccammec एटले काढ्यो वीरविजय कह्यौं त्रिजुवन जान्यो आया परचा नूतन आसु चाखी दुढत करमक्ष्यसें जात्रातणो मुनिसुव्रत देखी सोमवारे परिवारेजी स्यारपुर संघात प्रिती चुंदमली पीलता जागता . सखी १एए 164 175 101 171 चारवी ढुंमत करक्यसें जाशतणो मुनिसुवृत देवी सोमवारेजी परिवार स्यापुर संघाता प्रती सुंदमली पीलत जाणा सरवी 1 १ए 193 MY १ए३ 156 १ए १एन 300

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