Book Title: Chandraraj Charitra
Author(s): Bhupendrasuri
Publisher: Saudharm Sandesh Prakashan Trust

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Page 264
________________ श्री चन्द्रराजर्षि चरित्र 259 देने से इन्कार करने में मनुष्य को बिलकुल संकोच नहीं होता है / इसके विपरीत जहाँ किसी के प्रति मन में सच्चा प्रेमभाव होता है, वहाँ मनुष्य प्रेमपात्र के लिए अपने प्राण देने में भी नहीं हिचकिचाता है। तिलकमंजरी के कटाक्ष भरे वचन सुन कर रूपवती का मन बहुत दु:खी हुआ। लेकिन प्रकृति से गंभीर होने के कारण उसने तिलकमंजरी के प्रति क्रोध नहीं प्रकट किया, बल्कि वह शांत बनी रही। मनुष्य का भूषण रूप है, रूप का भूषण गुण है, गुण का भूषण ज्ञान है और ज्ञान का भूषण क्षमा है। एक बार रूपवती ने सचमुच अपने पिता मंत्री को पत्र लिख कर तिलकमंजरी के पास है वैसी ही सारिका भेजने का आग्रह किया। रूपवती का पत्र मिलते ही महाबुद्धिमान् मंत्री को - यह समझने में देर नहीं लगी कि मेरी पुत्री ने तिलकमंजरी के प्रति सौतिया डाइ के कारण ही तिलकमंजरी के पास है, वैसी ही सारिका मँगवाई है। ___मंत्री का अपनी प्रिय पुत्री रूपवती से गहरा स्नेहभाव था। अपनी पुत्री की इच्छा पूर्ण ' करने के उद्देश्य से मंत्री ने उसी समय सैकडों शिकारियों को वन-पर्वत के प्रदेश में राजकुमारी के पास है, वैसी ही सारिका लाने के लिए भेजदिए। बहुत दिनों तक कोशिश करने के बाद वैसी सारिका न मिलने के कारण शिकारी निराश होकर लौट आए। मंत्री ने विचार किया कि यदि मैं अपनी पुत्री रुपवती के लिए सारिका न भेजूं, तो वह मन में बहुत दु:खी हो जाएगी। इसलिए मंत्री ने अपनी बुद्धि लड़ाई / उसने एक कीसी जाति का पंछी मंगवाया। रूप में सारिका और यह कोसी जाति का पंछी लगभग समान होते हैं। लेकिन गुण की दृष्टि से दोनों में आकाशपाताल का अंतर होता है। लेकिन पुत्री को बिलकुल निराश न होना पड़े, तात्कालिक संतोष तो मिले इस उद्देश्य से मंत्री ने वह कोसी जाति का पंछी पिंजड़े में बंद कर अपनी पुत्री रुपवती के पास वैराट देश में : एक सेवक के साथ भेज दिया। यह कोसी पंछी बाहर से देखने में तो बिलकुल सारिका के समान = होने से रुपवती ने उसी को सारिका समझ लिया और वह मन-ही-मन बहुत खुश हो गई। अब रुपवती ने अपनी प्रिय “सारिका' की देखभाल के लिए एक सेवक नियुक्त कर - दिया। इस पंछी का लालन-पालन करने में वह मग्न हो गई। जिसको जो वस्तु प्रिय होती है, वह - P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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