Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam Author(s): Balabhai kakalbhai Publisher: Balabhai kakalbhai View full book textPage 8
________________ भणनाराउने शब्द बोध साथै अर्थ शीखा सुगम पो तेटला माटे या पुस्तकमां प्रथम दरेक गाथाना मथाळे तेना बुटा शब्दोनो अर्थ लखी पनी गाथा लखवामां आवेली दे. थने ते पड़ी तेनो टुंकामां शब्दार्थ तथा पर विस्तार साथे अर्थ मूकवामां आवलो . श्रा त्रण नाप्यो मध्ये बेसी जे पच्चरकाण नाष्य ले ते पन्यासजी महाराज श्री श्री श्री 100 श्रीदानविजयजी महाराजे घणोज श्रम लइ सुधारोडे तेथी तेउ साहेबोनो उपकार मानवामां आवेडे. श्रा ग्रंथ उपाववामां गुरुणीजी साहेब जीनश्रीजीना तथा कमळश्रीजीना उपदेशथी जे जे पुरुषोए मदद आपी ने तेनां नाम आ पुस्तकना बेवा पाने आपेलां . श्रावी रीते बीजा पण सदगृहस्थो थावा ज्ञानखातामां मदद थापी ज्ञाननो फेसावो करशे . तो जैन कोमनी दिनप्रतिदिन धार्मिक वृत्ति सुधारवाना आलंबननूत थशे. For Personal & Private Use OnlyPage Navigation
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