Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai
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________________ चै०भा० opany/app/ee/Ow एनवकार प्रमुख नव सूत्रानां 16 चार थुश् कद्देवानुं द्वार. 4 2000 | पदसंख्यानुं द्वार. 171 1773 17 देव वांदवानाथाप निमित्तनुंद्वार- 2007 10 नवकार प्रमुख नवसूत्रानी संप | 17 देव वांदवाना बार देतुनुं द्वार. 15 2020 दानुं द्वार. ए 10 रए काउस्सग्गनासोलागारमूंद्वार.१६ 2036 | 11 नमोत्थुणादि पांच दंगकर्नु द्वार. 5 १ए७५ 20 कानस्सग्गना जंगणीश दोषनुं | 12 देव वांदवाना बार अधिकारनुं १ए 2055 . 15 रए | १कानस्सग्गना प्रमाणनुं द्वार 1 2056 | 13 चार वंदनीयतुं द्वार. . रएए। शस्तवन केम करवू? तेनुं द्वार. 1 2057 | 14 स्मरण करवा योग्यतुं द्वार. 1 रएए५ 53 सात वार चैत्यवंदन करवानुं द्वार.७ 2064 || २५नामादि चार प्रकारे जिननुं द्वार.४ १एए६ 24 दश आशातना त्यागवानुं धार.१० 2074 ___ हवे ए चोवीशे द्वारना उत्तर दनुं स्वरूप अनुक्रमें देखामतो थको प्रथम दश त्रिकोनुं द्वार कहेतो तो बे गाथायें करी दश त्रिकोनां नाम कहे . dpavasacause-SE/AAND/supasana द्वार. | दार. // 5 a p Jan Education international For Personal & Private Use Only www.janelyg

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