Book Title: Chaityavandan Stuti Stavanadi Sangraha Part 02 Author(s): Shivnath Lumbaji Publisher: Porwal and Company View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना रुपे बे बोल. हालना वखतमां पुस्तकोनो प्रचार दिवसे दिवसे वधतो जाय छे, अने तेथी घणा लोकोने ज्ञाननो बोध थाय छे. जिनेश्वर भगवाननी स्तुति स्तवनादी करवा निमीते प्राचिन अने अर्वाचिन कवियोए जुदी जुदी अनेक देशीओ उपर स्तवनादीको रचेला छे तथा चैत्यवंदनो अने स्तुतीओ विगेरे पण रचेली छे तेमांथी कोइ कोइ बाबतो अप्रसिद्ध होवाथी तेवी बाबतो लखेला पाना उपरथी अने कोइ कोइ बाबतो छापेला जुदा जुदा अनेक पुस्तको उपरथी चुंटी काढी तेना संग्रह आ पुस्तकमां गोठवेलो छे. पुस्तकमानां कोई कोई विषयो लखेला पाना उपरथी लेबाथी तेमां कोइ अशुद्धी रही हशे तेमज प्रेसदोषथी अथवा प्रुफ तपासनारनी दृष्टी दोषथी पण कोइ भुल रही हशे वास्ते सज्जनोए सुधारीने पुस्तकनो उपयोग करवो अने तेवी भुलो अपने पण लखी जणाववाथी बीजी आवृत्तिना वखते ते भुलो सुधारवामां आवशे. संवत १९८२ . प्रसिद्ध कर्ता, मागशर शुदी १५ ।। सोमवार तारीख पोरवाल एन्ड कंपनी. ३० नम्बर घेताळपेठ नं ३५६ पुना सिटी. . सने १९२५ ) For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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