Book Title: Bruhad Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

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Page 4
________________ प्रकाशकीय पू.आ.भ. अरविंदसूरि म.सा. पू.आ.भ. यशोविजयसूरि म.सा., पू.आ.भ. मुनिचन्द्रसूरि म.सा. आदिना मार्गदर्शन मुजब अमारी ग्रंथमाळामां विविध पुस्तको प्रगट थतां रहे छे. इतिहासना पण अगत्यना ग्रंथो प्रकाशित करवा अमे सद्भागी बन्या छीए. जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास भाग १-२-३, पाइय (प्राकृत)भाषाओ अने साहित्य (श्री हीरालाल र. कापडिया), जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास ( मोहनलाल द. देसाइ), जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास भाग १-२ (डो. शिवप्रसाद) आदि ताजेतरमा प्रगट थया छे. एज कडीमां डॉ. शिवप्रसाद लिखित 'बृहदगच्छ का इतिहास' प्रगट करतां आनंद थाय छे. बृहद्गच्छनो इतिहास विस्तृत होवाथी एनो समावेश (जैन. श्वे. गच्छों का इतिहास) न करतां अलग प्रकाशन करवामां आवे छे. इतिहास आपणी संस्कृतिनुं मूळ छे. अनी जाणकारी मेळववी जरुरी छे. बृहद्गच्छ (वडगच्छ )मां घणां विद्वानो थया छे. घणी प्रतिष्ठाओ आ गच्छना आचार्यो व.ना हस्ते थइ छे. प्रस्तुत ग्रंथमां अनुं सुरेख चित्रण मले छे. इतिहासमुं ज्ञान मेळवी महापुरुषो प्रत्ये आदरभावमां वृद्धि थाय एज मंगल कामना. ली. प्रकाशक Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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