Book Title: Bodhamrutsar Author(s): Kunthusagar Publisher: Amthalal Sakalchandji Pethapur View full book textPage 271
________________ २४०] करनेवाले वर्षायोगमें ठहर कर मैने यह ग्रन्थ लिखा है। इस पृथ्वीपर जबतक चन्द्र और नक्षत्रगण विद्यामान रहे तबतका यह ग्रन्थ सदा चिरंजीव बना रहे। इति शमPage Navigation
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