Book Title: Bhavantno Upay Samayikyoga
Author(s): Sunandaben Vohra
Publisher: Gunanuragi Mitro
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“सम्यक्त्व मोहनीय. मिश्र मोहनीय, मिथ्यात्व मोहनीय परिहरु, आ बोल बोलीने मुहपतीना अक छेडाने त्रणवार खंवेरवो.
२-६ऊपप्फोडा
काम राग,स्नेह राग, दृष्टि राग परिहलं"
(8) आ बोल बोलीने मुहपत्तीना बीजा
छेडाने त्रणवार खंखेरवो.पछी चित्र मुजब डाबा हाथना कांडाउपर नाखवी.
સામાયિકયોગ
* २१3
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