Book Title: Bhagwati Sutra Ka Darshanik Parishilan
Author(s): Tara Daga
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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श्रावक
184
श्रुत
262, 264 7 7. -----
96
श्रुत केवली
283
सात भंग सान्निपातिक साम्परायिक बंध सिद्ध सुदर्शन सूत्रकृतांग
101
47
सोमिल
286 258, 259 243 255, 271 101 119, 120 76, 77, 91 94
20 48, 263 49, 225 120
120
120
श्रुत स्थविर संक्रमण संयत संयोजना दोष संलेखना संसारसमापन्नक संस्थान सत् सत्व सप्तभंगी समन समवायांग समाचारी समाधिमरण समिति सर्वगत सविकल्पक साकारोपयोग
184
स्कन्दक स्कन्ध स्कन्धदेश स्कन्धप्रदेश स्थानांग स्थावर स्थूलभद्र स्पर्श स्याद्वाद स्वदेह परिमाण स्वाध्याय स्थितिबंध
218 21, 22 235, 236 257
21 102, 104 9, 10 119 182,183 90, 91 21, 248, 249 285 167
232
81
165 88, 159
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भगवतीसूत्र का दार्शनिक परिशीलन

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