Book Title: Bhagwan Mahavir aur Unka Samay
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hiralal Pannalal Jain

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Page 62
________________ महावीरका समय एक था-बुद्धनिर्वाणसे प्रायः एक वर्ष पहले ही हुई है और बुद्धका निर्वाण भी उक्त मत्यसमाचारसे प्रायः एक वर्ष गद माना जाता है। दूसरे, जिस पावामें इस मत्युका होना लिखा है वह गवा भी महावीरके निर्वाणक्षेत्र वाली पावा नहीं है, बल्कि दमी ही पावा है जो बौद्ध पिटकानुसार गोरखपरके जिलेमें स्थत कुशीनागके पासका कोई ग्राम है । और तीसरे, कोई संघभेद भी महावीरके निर्वाणके अनन्तर नहीं हुआ, बल्कि गोशालककी मत्य जिम दशामें हुई है उसमे उसके संघका विभाजित होना बहन कुछ म्वाभा. विक है । इससे भी उक्त मत्य-समाचा-वाली घटनाका महावीरके साथ कोई सम्बंध मालम नहीं होता, जिसके आधार पर महावीरनिर्वाणको बुद्धनिर्वाणसे पहले बतलाया जाता है। ____ बद्धनिर्वाणके समय-सम्बंधमें भी विद्वानोंका मनभेट है और वह महावीर-निर्वाणके समयसे भी अधिक विवादप्रम्त चल रहा है परंतु लंकामें जो बुद्ध निर्वाणसंवत् प्रचलित है वह मबमे अधिक मान्य किया जाता है-ब्रह्मा, श्याम और आसाममें भी वह माना जाता है । उसके अनुसार बुद्धनिर्वाण ई० सनसे ५४४ वर्ष पहले हुआ है । इससे भी महावीरनिर्वाण बुद्धनिर्वाणके बाद बैठता है; क्योंकि वीरनिर्वाणका समय शकसंवत्से ६०५ वर्ष (विक्रमसंवन्से ४७० वर्ष) ५ महीने पहले होनेके कारण ईसवी सन्म प्रायः५२८ वर्ष पूर्व पाया जाता है । इम ५२८ वर्ष पूर्वके समयमें यदि १८ वर्ष की वद्धि करदी जाय तो वह ५४६ वर्ष पर्व होजाता है-अर्थात् बुद्धनिर्वाणके उक्त लंकामान्य समयसे दो वर्ष पहले । अतः जिन विद्वानोंने महावीरके निर्माणको बद्ध निर्वाणसे पहले मान लेनकी षजहसे प्रचलित वीरनिर्वाणसंवतमें १८ वर्षकी वद्धिका विधान किया है वह भी इस हिसाबसे ठीक नहीं है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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