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धर्म मानिये कोई
पढ़ लीजिये सब
जैनधर्म कुछ भी हो, विचारपूर्ण है। उसमें बहुत कुछ है जो पढ़ने, मनन करने, मानने और पालने लायक है । यह
अहिंसा का धर्म है
और
अहिंसा विश्व का धर्म होना चाहिये।
हमसे कुछ इस धर्मका पुष्ट और जीवित साहित्य लीजिये
और आत्म लाभ कीजिये। हीरालाल पन्नालाल जैन
बड़ा दरीबा, देहली.
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