Book Title: Bhagavati Sutra par Vyakhyan
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Sadhumargi Jain Shravak Mandal Ratlam

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Page 7
________________ जैन समाज व जैनेतर समाज ने महान् काम हासिल किया है ऐसी संस्था को आर्थिक सहायता देकर सुदृढ़ बनाना व कार्य कर्त्ताओं के उत्साह को बढ़ाना हमारा नैतिक कर्तव्य हो जाता है। मण्डल को सुदृढ़ कैसे बनाया जा सकता है. ? (१) श्री माधुमार्गी जैन समाज में पुज्य श्री हुक्मीचन्दजी महाराज की सम्प्रदाय के अनुयायी तथा इस सम्प्रदाय के वर्तमान जैनाचार्य पूज्य श्री गणेशीलालजी मसा व इनकी सम्प्रदाय के प्रति भक्ति पूर्वक प्रेम सहानुभूति रखने वाला अन्य सम्प्रदाय का अनुयायी भी मण्डल का सभ्य बन सकता है। मण्डल के सभ्य बनने की तीन श्रेणियाँ रखी हुई हैं। प्रथम श्रेणी-वंशपरम्परा के सभ्य, द्वितीय श्रेणी-पानीवन सभ्य और तृतीय श्रेणी-वार्षिक सभ्य । जिसका विवरण जो.प्रथम भाग में अंकित है। मण्डल के नियम ४ में देखिये । (२) मण्डल की चालू प्रवृत्तियों में सहकार देकर प्रार्थिक सहायता दी जाय तथा अंग सेवा दी जा कर उनको वेग दिया जाय । (३) मण्डल से सम्पादित साहित्य का प्रचार किया जाय । उस के प्रकाशन में आर्थिक सहायता देकर जो साहित्य स्टॉक में नहीं है उसका पुनः संस्करण निकला कर प्रचार किया जाय ।

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