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चित्र परिचया
इस पुस्तक के प्रारम्भ में पाठक जिन सेठ साहब का चित्रं
देख रहे हैं उनसे हम उनका संक्षिप्त परिचय करवा * देना उचित समझते हैं।
हम यहाँ पर प्रसिद्ध इतिहास वेत्ता श्रीमुन्सिफ देवी प्रसाद जी जोधपुर का संवत् १९६८ का 'मेरा दौरा, शीर्षक लेख के अन्तर्गत का वृत्तान्त देते हैं जो मुन्शीजी ने नागरीप्रचारिणी सभा की मुख पत्रिका खड १ के अंक २ पृष्ट १७७ मे लिखा है वह इस प्रकार है
रीयां
पीपाड़ से एक कोस पर खालसे का एक बड़ागाँव रीयां नामक है, इसको सेठो की रीयां भी वोलते हैं। क्योंकि यहाँ के सेठ पहिले वहुत धनवान थे। कहते हैं कि एक वार राजा मानसिंहजी से किसी अंग्रेज ने पूछा था कि मारवाड़ में कितने घर हैं ? तो महाराजा ने कहा था कि ढाई घर हैं-एक घर तो रीयां के सेठो का है, दूसरा भीलाड़े के दीवानों का है और आधे में सारा मारवाड़ है।
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