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8 * बौद्ध धर्म-दर्शन, संस्कृति और कला आलेख में कला और धर्म के पारस्परिक विकास के बिन्दुओं को भली भांति प्रस्तुत किया गया है।
बौद्ध धर्म-दर्शन के सिद्धान्तों का प्रभाव उत्तरकालीन विभिन्न भाषाओं के रचनाकारों पर भी पड़ा है। इसका निदर्शन है- डॉ. कैलाश कौशल का आलेख। उन्होंने हिन्दी कवि जयशंकर प्रसाद की रचनाओं पर बौद्ध सिद्धान्तों के प्रभाव को व्यवस्थित ढंग से उकेरा है। डॉ. कौशल ने दुःखवाद, क्षणिकवाद, करुणा, अहिंसा एवं विश्व मैत्री के परिप्रेक्ष्य में प्रसाद साहित्य का आलोडन किया है। शैलेन्द्र स्वामी के आलेख में संक्षेप में बौद्ध-दर्शन की प्रासंगिकता पर विचार किया गया है।
डॉ. धर्मचन्द जैन
डॉ. श्वेता जैन
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