Book Title: Bandh Vihanam Tattha Pasatthi
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 42
________________ गाथा २२६ ] बंधािणपत् [ ३१ एकाअ चिम णिसाए, जो किश्चाऽट्ठजमया जिणथुईए । बंमीलद्धपसायो, गुर पबोहीअ ||२२|| ( पच्छाज्जा) सदसिभ कट्टमरत्थविसअगडसज्जतणू 1 तभो ऽखिलविगई उग्गतेओ जो जो ॥२२१|| ( पच्छाज्जा) अहिंसाउ पच्चूहे चयइ चयइ पबोहिअ ससम्मवयगहणकाले जो पुहवीहग्सद्धं, पडिसिज्झइ नियमंतं, लक्खमणड्ढं वि तं तिकालण्णू ||२२२ || (पच्छागीई) पलास मालवीसर-सचिवो जाओ कमा कुबेरुवमो । कयचुलसी इ८४ जिणच इभ - गुरुप्प वेसाइबहुकज्जो ॥२२३॥ ( पच्छाज्जा) से भूवा वरिसम्मि तेरससये, वेएहि १३०२ जुत्ते वयं; जुत्ते वे असमेहि १३०४ । १३२३ वायगपयं सूरी जया सोयशे । सूरी माउकुहिए १३२७ १३२८ सगुरुणो, काला छमासंतरे; संविग्गो स सगोत्तसूरिविहिओ से बंधऊहि १३५७ खं ॥ २२४॥ | (सद्दल विक्कीडिअं) श्रग्घायुज्जलसं जमत्थसुरहिं, सोमप्पहगुरु; सूरिं थोअमि धम्मघोसमुणिवा पट्टऽज्जभसलं । गेहीअ च्चण मंतपोत्थयममू, चारित्तसुणो; अज्जुज्जे वि गओ पडिक्कमिभ जो, णाएसपलयो ।। २२५ ।। (सलल लिअं) वाईहव्वायकुम्म पदलणहरिणा, जेण विज्जाणहेहिं; बाए छिण्णप्पात्रो, दिभहरणगणो, चित्तकूडे सहाए । पुण्णा सेसंगपाठी, म्हयकरचरणो, कित्ति संपुण्णलोगो; सूरी सोमप्पहक्खो, स वियरउ महं, सव्वकल्लाणसिद्धी ॥२२६॥ | (सद्धरा)

Loading...

Page Navigation
1 ... 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64