Book Title: Balbodh Pathmala 3
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 25
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates सुबोध – और अनुपसेव्य ? प्रबोध – जिनका सेवन उत्तम पुरूष बुरा समझे, वे लोकनिंद्य पदार्थ ही अनुपसेव्य हैं, जैसे लार, मल-मूत्र आदि पदार्थ। ___ अनुपसेव्य पदार्थों का सेवन लोकनिंद्य होने से तीव्र राग के बिना नहीं हो सकता है, अतः वह भी अभक्ष्य है। सुबोध – और नशाकारक ? प्रबोध - जो वस्तुएं नशा बढ़ाने वाली हों, उन्हें नशाकारक अभक्ष्य कहते हैं। शराब, अफीम, भंग , गाँजा, तम्बाकू आदि। अतः इनका भी सेवन नहीं करना चाहिये। तथा जो वस्तु अनिष्ट ( हानिकारक ) हो, वह भी अभक्ष्य है क्योंकि नुकसान करने वाली चीज़ को जानते हुए भी खाने का भाव अति तीव्र राग भाव हुये बिना नहीं होता, अतः वह त्याग करने योग्य है। प्रबोध – अच्छा, आज से मैं भी किसी भी प्रभक्ष्य पदार्थ को उपयोग में नहीं लूंगा ( भक्षण नहीं करूंगा)। मैं तुम्हारा उपकार मानता हूँ, जो तुमने ___ मुझे अभक्ष्य भक्षण के महापाप से बचा लिया। प्रश्न १. अभक्ष्य किसे कहते है ? वे कितने प्रकार के होते हैं ? २. अनुपसेव्य से क्या समझते हो ? उसके सेवन से हिंसा कैसे होती है ? ३. किन्हीं चार बहुघात के नाम गिनाइये। ४. नशाकारक अभक्ष्य से क्या समझते हो? २२ Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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