Book Title: Ayurvediya Kosh Part 01 Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir WEBSIGIRECOSMEBSIGERSE09oBeeGE6-6055- 600x5064GEGREECEISED5-669DSECSGee आयुर्वेदीयानुसंधान--ग्रन्थमाला का द्वितीय पुष्प आयुर्वेदीय-कोष -6DOGSEEMBERRIAGE-GINGRECESSA56866GNRBSCGENCY 3600000MBERGRearcesECTRESCENCHHETREE + An encyclopædical ST yurvedic Dictionary (with full details of Ayurvedic, Unani and Allopathic terms.) अर्थात् श्रायुर्वेद के प्रत्येक अङ्ग प्रत्यङ्ग सम्बन्धी विश्य यथा-निघण्टु, निदान, रोग-विज्ञान, विकृति-विज्ञान, चिकित्सा-विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकविज्ञान,कीटाणुविज्ञान, इत्यादि प्रायः सभी विषयके शब्दों एवं उनकी अन्य भाषा (देशी, विदेशी, स्थानीय एवं साधारण बोलचाल ) के पर्यायोंका विस्तृत व्याख्या सहित अपूर्व संग्रह । व्याख्या में प्राचीन व अर्वाचीन मतोंका चिकित्साप्रणालो-त्रय के अनुसार तुलनात्मक एवं गवेषणापूर्ण विवेचन किया गया है। इसमें २००० से अधिक वनस्पतियों, समग्र खनिज एवं चिकित्सा कार्य में आने वाली प्रायः सभी आवश्यक प्राणिवर्ग की तथा रासायनिक औषधों के आजतक के शोधों का सार्वाङ्गीन सुन्दर, सुबोध एवम् प्रामाणिक वर्णन है । संक्षेप में श्रायुर्वेद( यूनानी तथा डॉक्टरी ) सम्बन्धी कोई भी विषय ऐसा नहीं चाहे वह प्राचीन हो या नवीन जिसका इसमें समावेश न हुआ हो। लेखक तथा संकलनकर्ताःश्री बाबू रामजीत सिंह जी वैद्य श्री बाबू दलजीत सिंह जी वैद्य रायपुरी, चुनार (यू० पी०) प्रकाशकश्री पं० विश्वेश्वरदयालुजी वैद्यराज सम्पादक-अनुभूत योगमाला, बरालोकपुर-इटावा (यू०पी०) HIG6864GEEEEEEEEE-ce...SSSSIGGCONSEASE + संशोधित तथा परिवर्द्धित [ द्वितीय संस्करण, १००० प्रति] All rights reserved by the writers. (सम्वत् १९६० वि० तथा सन् १९३४ ई.) H ANDBGDRDOS9909apa90199pSOPX995x3Gp999-30arasiassipapa3:5129910ASHMANDSAP* For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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