Book Title: Ayurved Sahitya ke Jain Manishi Author(s): Harichandra Jain Publisher: Z_Parshvanath_Vidyapith_Swarna_Jayanti_Granth_012051.pdf View full book textPage 3
________________ २४० आचार्य नाम ७ - सिंहपाद ८- समन्तभद्र ९- जटाचार्य १०- उग्रादित्य ११ - वसवराज १२ - गोमम्टदेवमुनि १३- सिद्धनागार्जुन १४ - कीर्तिवर्म २३- पूज्यपाद २४ - आशाधर वैद्य २५- सोमनाथ २६ - नित्यनाथ सिद्ध २७- दामोदर भट्ट २८ - धन्वन्तरी २९- नागराज ३० - कविपार्श्व ग्रन्थ ३१ - रामचन्द्र ३२- दीपचन्द्र ३३- लक्ष्मीवल्लभ Jain Education International हरिश्चन्द्र जैन (१) पुष्पायुर्वेद (२) सिद्धान्त रसायन कल्प ―― १५- मंगराज १६–अभिनवचन्द्र शास्त्र द्वय १७ - देवेन्द्रमुनि बाल ग्रह- चिकित्सा १८ - अमृतनंदी वैद्यक निघंटु १९-जगदेवमहापंचपाद श्रीधरदेव वैद्यामृत २०- सालव, रसरत्नाकर वैद्य सांगत्य २१ - हर्षकीर्ति सूरि योगचिन्तामणि २२ - जैन सिद्धान्त भवन आरा वैद्यसार संग्रह आरोग्य चिन्तामणी में उपलब्ध अनाम अकलंक संहिता, इन्द्रनंदीसंहिता अष्टांगहृदयीका कल्याणकारक (कन्नड़) रसरत्नाकर आरोग्यचिन्तामणी (कन्नड़) धन्वन्तरी निघंटुकोश कल्याणकारक मेरुस्तम्भ नागार्जुनकल्प, नागार्जुनकक्षपुट गौ वैद्य खगेन्द्रमणी दर्पण योगशतक कविप्रमोद वैद्यविनोद काल बालतंत्र भाषावचनिका लंघन पथ्य निर्णय काल ज्ञान १०वीं० श० ९वीं० श० आरोग्य चिन्तामणी १३वीं० श० १४वीं० श० वि० सं० १७४३ वि० सं० १८१० विषय बाजीकरण एवं रसायन For Private & Personal Use Only वि० सं० १९३६ १८वीं श० रसायन चिकित्सा औषध प्रयोग रसायन रसशास्त्र संग्रह कौमारऋत्य www.jainelibrary.orgPage Navigation
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