Book Title: Atmanand Prakash Pustak 092 Ank 11 12
Author(s): Pramodkant K Shah
Publisher: Jain Atmanand Sabha Bhavnagar

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir aaaaaaaoaaaaaa aaaaaaaaaa दोषी कौन धर्म या उसके अनुयाई ---मुनि नवीनचन्द्र विजय ggggggggggggggggg tctttttt No00 मानदायिक दंगे हमारे देश लिये कोई गिराया और जलाया गया। दंगाईया और नई बात नहीं है । जब जब भी कोई धार्मिक उपद्रविया से जैन मन्दिर भी बच नहीं पा प्रसंग उपस्थित होता है-चाहे वह हिन्दु और कई जैन मन्दिर भी तोडफोड के शिकार धर्म से संबंधित हो या इस्लाम, सैकड़ों लोगो के हुए इसमे हम जन को दुग्ध और वेदना होना मौत का कारण बनता है। धार्मिक प्रसंग उनके स्वाभाविक है। लिये आनंद और उत्सव नहीं, चित्कार और ऐसी स्थिति में हमारे मन में ये अनमाज मातम का पैगाम लेकर आते हैं। पये उपस्थित होते हैं कि हमारे देश का ६ दिसम्बर १९५२ का दिन मी हजारों धमिक भविष्य कैसा होगा। या धार्मिक निर्दोष लोगों के लिये चित्कार मातम और खनका सहिष्णुता का माम्राःय पुन स्थापित होगा। उफनती नदी लेकर आया जिसने लाशों के ढेर क्या मार्मिक कट्टरता का उन्माद बढ़ता ही जाएगा। क्या हम नफरतकी ग्वाईको पार सकगे। वडे कर दिये । हजारों परिवार वेघर, वेसहारा इस प्रश्नांक उत्तर खोज पाना आसान नहीं है। हो गये । कुछ दिनों तक सम्पूर्ण देश हिंसा की ___ यहां चिनीय विषय यह है कि यहां दोषी चपेट में अन गमन और साम्प्रदायिक दागों के कौन है । धर्म या सम्प्रदाय या उम्मक अनुयाई, दानव ने सर्वत्र अपने हाथ फैला दिये मारी राजनीति या गजनेगा. संविधान या न्यायाकय । सुरक्षा व्यवस्था धर्ग की धरी र गई। माम कह ना लिय राजनानि या संविधान को तं निक्रिय हो गया। ॥ और हटा दे। धर्म और सम्पदाय जिस के इस बार दंगों का कारण कोई धार्मिक उन्म लिय उतना पान और उपदय किया जा रहा या पन्योहार नहीं था। यह प्रसंग या बाबी है। उसके विश्व में एक नट विदेषण की मस्जिद ढांचे को ढहाना । बाबरी मस्जिद तथा आवश्यकता है। दही हजारों लोगो की बेश कीमती जिदगियां आश्चर्य की बात यह है कि धर्म सिमका ढह गई और उनकी आस्था के केन्द्र सैकडो अबतरण संसार में दीन दुखियों के उदार के मंदिर भी ढहाये गये । पाकिस्तान और बांगला- लिय हुआ हो, जिसका कार्य सुरक्षा, बन्धुत्व. देश आदि अन्य देशों में भी मंदिरो को भाईचारा, स्नेह. भदभाव, प्रेम और सदगुणा For Private And Personal Use Only

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