Book Title: Atimuktak Charitram Author(s): Shubhshil Gani Publisher: Hiralal Hansraj Pandit View full book textPage 3
________________ अतिमुक्त चरित्रं % ERSaxe ACCORॐक) // श्रीजिनाय नमः // // श्री चारित्रविजयगुरुभ्यो नमः // // अथ श्रीअतिमुक्तमुनिचरित्रं प्रारभ्यते // (कर्ता-श्री शुभशीलगुणी) (छपावी प्रसिद्ध करनार-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज जामनगरवाळा) ___ कृतानेकतमस्कोऽपि / निजं निंदन सुभावतः // ईर्यापथिकया सिद्धो / यतिमुक्तो महामुनिः॥१॥ | पेढालाख्ये पुरे महानगरे श्रीविजयाभिधो राजा राज्यं चकार, तस्य सच्छीलशालिनी श्रीमत्यभिधा राज्ञी | बभूव. तो द्वावपि दंपती जैनधर्मकुशलावास्तां, दानशीलतपोभावनापूजाप्रभावनाऽमारीघोषणासप्तक्षेत्रीस्व- || धनवापादिपुण्यकार्य कुरुतः स्म. यतः-स्वल्पश्रीसंयुता येऽपि / दानं कुर्वत्यनेकधा // स्वशक्तिं प्रकटीकृत्य / ते धन्या दानिनां मताः // 1 // रोगक्लेशमदोन्मादेः / सर्वदुःखपरीषहैः // स्वीकृतं ये न मुंचंति। व्रतं स्यु- 10 है स्ते बुधैः स्तुताः // 2 // क्रमाद्धर्मकार्याणि कुर्वतोस्तयोरेकः शुभलक्षणोपेतः सुतोऽभूत , तस्य पुत्रस्य ज- 181Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10