Book Title: Arhat Vachan 2000 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 89
________________ दिगम्बर जैन महासमिति एकता शंखनाद समारोह के अवसर पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन एवं पत्रकारिता पुरस्कार समर्पण समारोह दिगम्बर जैन पत्रकार बन्धुओं द्वारा अपनी पत्र-पत्रिकाओं द्वारा समाज निर्माण एवं उसके रचनात्मक विकास में दिये जा रहे विशिष्ट योगदान का सम्यक मूल्यांकन करते हुए दिगम्बर जैन महासमिति ने फरवरी 99 में समस्त दि. जैन पत्र - पत्रिकाओं के सम्पादकों का सम्मेलन आयोजित करने एवं श्रेष्ठ पत्रिकाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। निर्णय के क्रियान्वयन के प्रथम चरण में डॉ. अनुपम जैन द्वारा मार्च-99 में देशभर में पाँच वर्गों में प्रविष्टियाँ आंमत्रित कर प्राचार्य श्री नरेन्द्र प्रकाश जैन सम्पादक - जैनगजट, डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल सम्पादक - वीतराग विज्ञान, डॉ. वृषभप्रसाद जैन निदेशक - केन्द्रीय हिन्दी वि.वि. के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा अगस्त 99 में पाँच श्रेष्ठ पत्रिकाओं का चयन किया गया। पुरस्कृत सम्पादक महासमिति पदाधिकारियों के साथ दिगम्बर जैन महासमिति के रजत जयन्ती वर्ष में संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के ससंघ सान्निध्य में गोम्मटगिरि (इन्दौर) में 30-31 अक्टूबर में आयोजित एकता शंखनाद समारोह के अन्तर्गत 30 अक्टूबर 99 की सायं 7.30 पर पुरस्कार समर्पण समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर के अध्यक्ष तथा सम्यग्ज्ञान के सम्पादक कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन तथा विशेष अतिथि के रूप में समाज कल्याण बोर्ड सरकार की अध्यक्षा श्रीमती मृदुला सिन्हा एवं दिल्ली के प्रसिद्ध समाजसेवी गुरूभक्त श्री अनिलकुमार जैन कागजी उपस्थित थे। इन्दौर की महिला नेत्री श्रीमती मंजू अजमेरा के मंगलाचरण से प्रारंभ इस सत्र की अध्यक्षता दि. जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रदीप कुमारसिंह कासलीवाल ने की। पुरस्कार समिति के संयोजक डा. अनुपम जैन ने सम्मेलन एवं पुरस्कार योजना की रूपरेखा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए पत्रकार बन्धुओं से महासमिति की अपेक्षाओ एव समाज के प्रति उनके दायित्व को रेखांकित किया। तदुपरान्त जैन मित्र-सुरत के संपादक श्री शैलेष जैन कापड़िया, दिशाबोध - कलकत्ता के सम्पादक डा. चिरंजीलाल जैन बगडा, जैसवाल जैन दर्पण आगरा के प्रधान संपादक श्री जगदीश प्रसाद जैन, प्राकृत विद्या - दिल्ली के संपादक डा. सुदीप जैन एवं सन्मति (मराठी), कोल्हापुर के संपादक श्री माणिकचन्द जयवंतसा भिसीकर के प्रतिनिधि श्री सुन्दरलाल जैन (नागपुर) को श्रीफल, प्रशस्ति, प्रतीक चिन्ह तथा 5000-00 की नगद राशि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त प्रविष्टि भेजने वाले सभी उपस्थित संपादकों को भी प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। अर्हत् वचन, अप्रैल 2000 87

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