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Pārsvanātha Pratimäen
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शती तक के उनके अकाट्य अभिलेखीय साक्ष्यों एवं सुललित बिम्बों के प्रति
नरेन्द्रंफणीन्द्रं सुरेन्द्रं अधीशं शतेन्द्रं सुपूजे भजेनायशीशं। मुनीन्द्रं गणेन्द्र नमोजोडिहाथं नमो देवदेवं सदा पार्श्वनाथं ।।।
नमन करते हुए इस निबंध को यहीं विश्राम देने की अनुमति चाहूंगा। शुभमऽस्तु ।
कृतज्ञताज्ञापन
इस निबन्ध के तैयार करते समय तिथि के सम्बन्ध में लेखक जर्मन विदुषी प्राध्यापिका जी० बी० मिटरवारनर, म्युनिख यूनिवर्सिटी का हार्दिक आभार व्यक्त करता है।
श्री लाल चंद जैन, श्री अजीत प्रसाद जैन, मंत्री, तीर्थंकर महावीर स्मृति केन्द्र, शोध पुस्तकालय, चारबाग, लखनऊ का भी हार्दिक आभार व्यक्त करता है।
संदर्भ-सूची
१. तिलोयपण्णाती महाधिकार ४, प्रवचन सारोद्धार, सात गाथा २९०.९२, २९५, ९७ तथा अन्य ग्रन्थ, बालचन्द्र जैन, प्रतिमा
विज्ञान पृ० ३२, जबलपुर १९७४ । २. अभिधान राजेन्द्र पृ० ८९६ पंचमोभाग, आवश्यक चूर्णि । रतलाम् १९२१ । ३. भगवान् महावीर स्मृति ग्रन्थ, सं० ज्योतिप्रसाद जैन, पृ० ३८ खन्ड ६, लखनऊ १९७५ । ४. कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैन धर्म पृ० १७, १८ वाराणसी १९७६ । ५. राज्य संग्रहालय संख्यक जे० २५३, आकार ८६, ९२, १० से० मी० लाल चित्तीदार पत्थर १. U.P. Shab, Studies in
Jaina An, p. 12, वाराणसी १९५५ Vincent Smith, Jaina Stupa at Matbura, ५, Plate8, व V.S. Agrawal,
Guide to Lucknow Museum, p. 4. ५. राज्य संग्रहालय, लखनऊ, सं० जे० ६७ आकार ३८, ५५ से० मी० लाल चित्तीदार पत्थर । ७. रा० सं० ल० सं० जे० ११४ आ० ४४ ६५ से. मी सफेद-रंग भूरे रंग का बलुआ पत्थर । ८. रा० सं० ल० संख्या जे० ७७, आ० १,२०,८७ से० मी० लाल पत्थर जे० ९०,८०, ३० से० मी०. लाल चित्तीदार पत्थर'
व जे० ९६, आ० ४५, ३० से० मी० लाल चित्तीदार पत्थर । ९. रा० सं० मथुरा बी० ६२, R.C. Sharma, Mathura Museum and An, p. 37, Matbura, १९७६, ५६० वी०
एस० अग्रवाल यू० पी० हिस्टोरिकल सोसायटी २३, पार्ट १.२, पृ० ६२ । १०. जे० २५ व जे० ११३ आ० ८६ से० मी० देह भाग हैं और ४० से. मी० शिर । ११. उद्गच्छता तव शिति दुति मंडलेन लुप्तच्छुदच्छविशशकैकेतरुबभूव ॥२४॥ श्लो २४ कल्याणमंदिर स्तोत्र, ज्ञानपीठ
पूजाञ्जलि, दिल्ली १९८२, पृ० ४९६ से ५०४ तक । १२. रा० सं० सं० जे० ६२३ आ० ५६, ४८ से. मी० । १३. रा० सं० सं० जे० ३९ आ० १. ०४ से ५७ से० मी० लाल चित्तीदार पत्थर । १४. , जे० २३० आ ६०, १९, जे० २३४, आ० ७६, २९ से० मी०
, जे० २३५ आ ५४, २३, जे० २३७, आ ६० २४ से० मी०
जे० २४४ आ० ६१, २७
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